भारत की आर्थिक राजधानी कही जाने वाली मुंबई (Mumbai) इन दिनों भारी बारिश और बाढ़ जैसी स्थिति से जूझ रही है। लगातार तीन दिनों से हो रही लगातार तेज़ बारिश (Heavy Rainfall) ने शहर का जीवन ठप कर दिया है। मुंबई की पहचान मानी जाने वाली लोकल ट्रेन सेवा प्रभावित है, सड़कें जलमग्न हैं और रेलवे ट्रैक पर पानी भर जाने से लाखों लोग दिक़्क़तों का सामना कर रहे हैं।
मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों के लिए Red Alert जारी किया है और कहा है कि हालात और बिगड़ सकते हैं। सवाल यह है कि क्या मुंबई एक बार फिर वैसा ही संकट झेल रही है जैसा 2005 में हुआ था, या फिर प्रशासन ने इस बार पर्याप्त तैयारी की हुई है?

शहर में कहाँ-कहाँ सबसे ज्यादा असर?
- दादर, सायन, अंधेरी, भांडुप, ठाणे और मीरा रोड के निचले इलाकों में पानी भर गया है।
- कई जगहों पर 2-3 फीट तक पानी जमा है, जिससे सड़कें Traffic Standstill पर हैं।
- लोकल ट्रैक डूब जाने से Central और Western रेलवे दोनों पर रनिंग प्रभावित है।
- एयरपोर्ट पर भी 50 से अधिक उड़ानों में देरी और 12 से ज़्यादा फ्लाइट्स को डायवर्ट करना पड़ा।
मुंबई की जीवनरेखा ठप: लोकल ट्रेन सेवाओं पर असर
मुंबई में कहा जाता है: “अगर लोकल ट्रेनें रुक जाएं तो पूरा शहर रुक जाता है।” और यही हुआ।
- Churchgate–Virar और CSMT–Kalyan रूट पर कई लोकल्स रद्द।
- प्लेटफॉर्म खचाखच भरे, यात्री घंटों फंसे रहे।
- सिग्नल सिस्टम भी पानी में डूबने से कई जगह ठप पड़ा।
- कई ऑफिसों ने कर्मचारियों को Work From Home Advisory जारी की।
रेलवे प्रशासन ने कहा कि जब तक ट्रैक से पानी नहीं निकाला जाएगा, सेवाओं को पूरी तरह चालू करना मुश्किल है।
मौसम विभाग की चेतावनी
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने मुंबई और आसपास के इलाकों के लिए Red Alert घोषित किया है।
- कुलाबा में 280mm और सांताक्रूज़ में 320mm से अधिक बारिश दर्ज की गई।
- अगले दो दिन हाई टाइड (4.6 मीटर तक) की चेतावनी भी दी गई है।
- गरज-चमक और तेज़ हवाओं के साथ बारिश जारी रहने का अनुमान है।
सरकार और प्रशासन की तैयारी
- बीएमसी ने Pumping Stations एक्टिवेट किए और कई जगहों से पानी निकालना शुरू किया।
- NDRF टीमें राहत कार्य में उतारी गईं।
- सभी स्कूल-कॉलेज दो दिनों के लिए बंद कर दिए गए।
- हेल्पलाइन नंबर्स और इमरजेंसी कंट्रोल रूम एक्टिव:
- BMC हेल्पलाइन – 1916
- Flood Control Room – 022-22694725
लोगों से अपील की गई है कि आवश्यक कार्यों के अलावा वे घरों से बाहर न निकलें।
क्यों हर साल मुंबई डूब जाती है?
मुंबई जैसे बड़े और विकसित शहर में हर साल बारिश आते ही बाढ़ जैसे हालात क्यों बन जाते हैं?
- पुराना ड्रेनेज सिस्टम – शहर की जलनिकासी व्यवस्था ब्रिटिश काल में बनी थी, जो अब क्षमता से बहुत कम है।
- अतिक्रमण (Encroachment) – नालों और निचले इलाकों में अतिक्रमण होने से पानी का बहाव रुक जाता है।
- Urban Flooding – तेज़ी से बढ़ता कंक्रीट, कम होती हरियाली और झीलें/तालाब पाटने से पानी भर जाता है।
- Climate Change – ग्लोबल वार्मिंग की वजह से मानसून का पैटर्न अनियमित है, जिससे अचानक अत्यधिक बारिश हो रही है।
Timeline: मुंबई की विनाशकारी बारिशें (2005–2025)
- 2005: 26 जुलाई – 944mm बारिश एक ही दिन में, 500 से ज़्यादा मौतें, शहर पूरी तरह डूब गया।
- 2017: सितंबर में भारी बारिश, रेलवे बंद, एयरपोर्ट पर भी कई उड़ानें बंद।
- 2019: अगस्त में रिकॉर्ड वर्षा, रेलवे सेवाएं चौपट, 30+ मौतें।
- 2021: गोरेगांव और अंधेरी जैसे इलाकों में भयंकर जलभराव।
- 2023: मानसून में लगातार रुकावटें और बाढ़, कई दिनों तक जनजीवन प्रभावित।
- 2025: मौजूदा स्थिति – सबसे ज़्यादा प्रभावित रेलवे और सड़के, शहर में Red Alert।
Quick Analysis –
मुंबई की कहानी हर साल दोहराई जाती है। बारिश होती है → ट्रैक डूब जाते हैं → सड़कें बंद हो जाती हैं → सरकार इमरजेंसी में काम करती है → और फिर अगले साल सब वैसे का वैसा।
विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक मुंबई में सस्टेनेबल इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं बनेगा, तब तक यह समस्या हल नहीं होगी। Drainage Capacity को 3 गुना करना होगा, अन्यथा हर बारिश में शहर डूबता रहेगा।
FAQ Section: मुंबई बारिश और बाढ़ 2025
1. इस बार मुंबई में कितनी बारिश हुई?
IMD के अनुसार कुलाबा में 280 mm और सांताक्रूज़ में 320 mm से अधिक बारिश दर्ज हुई है।
2. क्या लोकल ट्रेन सेवाएं शुरू हो गई हैं?
नहीं। अभी कई रूट बंद हैं। पानी निकलने के बाद ही ट्रैक को सुरक्षा जांच के साथ खोला जाएगा।
3. क्या स्कूल और कॉलेज खुले हैं?
BMC ने सभी स्कूल और कॉलेज को अगले दो दिनों के लिए बंद करने के आदेश दिए हैं।
4. क्या 2005 की स्थिति जैसी आपदा है?
अभी हालात उतने खराब नहीं हैं, लेकिन लगातार बारिश ने जोखिम बढ़ा दिया है। प्रशासन अलर्ट पर है।
5. सरकार किस तरह मदद कर रही है?
NDRF टीमें, हेल्पलाइन नंबर और कंट्रोल रूम एक्टिव किए गए हैं। जरूरतमंद लोगों को रेन शेल्टर में शिफ्ट भी किया जा रहा है।