अमेरिकी टैरिफ

PM मोदी ने अमेरिकी टैरिफ के बीच ‘भारतीय उत्पादों को अपनाने’ की अपील की—आत्मनिर्भरता को बल देने का संदेश दिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी टैरिफ बढ़ोतरी की पृष्ठभूमि में लोगों से भारतीय उत्पाद अपनाने की अपील की है, ताकि घरेलू उत्पादन, रोज़गार और मूल्य–स्थिरता को सहारा मिले और देश की आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था मज़बूत हो सके । हालिया भाषणों में उन्होंने ‘Vocal for Local’ को जीवन–मंत्र बताते हुए कहा कि “If you are Indian, buy what is made in India,” और दुकानदारों से “Only Swadeshi Products Sold Here” जैसे बोर्ड लगाने का आग्रह भी किया, जिससे उपभोक्ता व्यवहार में स्वदेशी–प्राथमिकता स्थायी बने ।

संदर्भ: टैरिफ और ‘स्वदेशी’ अपील

  • अमेरिका द्वारा अतिरिक्त 25% शुल्क लागू होने से, कुछ श्रेणियों में भारत–अमेरिका व्यापार पर कुल असर 50% तक बताया गया, जिससे अनिश्चितता के बीच घरेलू मांग–श्रृंखला (domestic value chain) को मज़बूत करने का संदेश और प्रासंगिक हो गया ।
  • इसी संदर्भ में पीएम ने ‘Made in India’ को अपनाने, स्थानीय ब्रांड्स को प्राथमिकता देने और व्यापारियों से स्वदेशी–केंद्रित डिस्प्ले अपनाने की अपील दोहराई, ताकि मांग देश के भीतर ही निवेश और रोज़गार में बदल सके ।

पीएम ने क्या कहा (मुख्य बिंदु)

अमेरिकी टैरिफ
  • “Vocal for Local” को जीवन–मंत्र बनाइए—खादी, मोबाइल, UPI जैसे उदाहरणों से भारत की गुणवत्ता–उत्पादन क्षमता तेज़ी से बढ़ी है; यही रुझान रोज़मर्रा की खरीद में भी दिखना चाहिए ।
  • “If you are Indian, buy what is made in India”—यानी उपभोक्ता–चॉइस से उद्योग को ताकत दें; दुकानदार “Only Swadeshi Products Sold Here” बोर्ड लगाएँ और शेल्फ़ में भारतीय निर्मित उत्पादों को प्रमुख स्थान दें ।
  • स्वतंत्रता दिवस संबोधन में ‘Atmanirbhar Bharat’ को विकसित भारत 2047 की बुनियाद बताते हुए रक्षा, तकनीक, सेमीकंडक्टर और विनिर्माण में स्वदेशी क्षमताओं पर बल दिया गया ।

क्यों अभी: आर्थिक तर्क

  • ऊँचे टैरिफ झटके के बीच घरेलू उत्पादन–मांग का चक्र (Buy Indian → Invest Indian → Employ Indian) अर्थव्यवस्था के लिए शॉक–एब्ज़ॉर्बर बनता है, खासकर MSMEs और लोकल क्लस्टर्स के लिए ।
  • ‘स्वदेशी’ प्राथमिकता से स्केल–अप, गुणवत्ता और पैकेजिंग पर प्रतिस्पर्धा बढ़ती है, जिससे उपभोक्ता–हित और निर्यात–क्षमता—दोनों को गति मिलती है ।

प्रभाव: उपभोक्ता, व्यापारी और उद्योग

  • उपभोक्ता: त्योहारों/रोज़मर्रा की खरीद में ‘Made in India’ चुनने से घरेलू आपूर्ति–श्रृंखला को स्थिर, सस्ती और विश्वसनीय बनाने में मदद मिलती है ।
  • व्यापारी: स्वदेशी–प्रोडक्ट विज़िबिलिटी, शेल्फ़–प्राथमिकता और ‘Only Swadeshi’ डिस्प्ले से स्थानीय ब्रांड्स की ऑफ–टेक बढ़ेगी, जिससे स्टॉक टर्न और मार्जिन–सुधार संभव है ।
  • उद्योग/स्टार्टअप: ‘Vocal for Local’ के साथ PLI/रीफॉर्म–पुश से कैपेक्स, टेक–अपग्रेड और जॉब–क्रिएशन का मल्टीप्लायर असर पैदा होता है ।

सरकार की पूरक पहलें

  • उत्पादन–संlinked प्रोत्साहन (PLI), मेक–इन–इंडिया, डिजिटाइज़्ड पेमेंट्स/UPI और GST सरलीकरण जैसे सुधारों को पीएम ने सीधे घर–घर तक लाभ पहुँचाने वाला बताया—“इस दिवाली GST का डबल बोनस” जैसी अग्रिम झलक भी साझा की गई ।
  • कृषि–ग्रामीण मंत्रालय ने भी पीएम की अपील को दोहराते हुए ‘घर की ज़रूरतों के लिए देश में बना सामान’ खरीदने का आह्वान किया, ताकि ग्रामीण–क्लस्टर्स और कुटीर उद्योगों को मांग–समर्थन मिले ।

सेक्टर–वाइज़ असर (उदाहरण)

  • टेक/मोबाइल: ‘इम्पोर्ट–डोमिनेंट’ से ‘एक्सपोर्ट–सक्षम’—भारत से 30–35 करोड़ मोबाइल का वार्षिक निर्माण/निर्यात होने का संदर्भ, घरेलू इकोसिस्टम की ताकत दिखाता है ।
  • हैंडलूम/खादी: दशक भर में बिक्री कई गुना बढ़ना ‘Vocal for Local’ की सफलता का प्रमाण—स्थानीय कारीगर–क्लस्टर्स के लिए सीधी आय–रोज़गार वृद्धि ।
  • डिजिटल/UPI: ‘Made in India’ UPI का वैश्विक रेफ़रेंस बनना—लागत घटाने और सुविधाजनक भुगतान से स्थानीय कारोबार को बढ़ावा ।

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चुनौतियाँ क्या हैं

  • सप्लाई–स्केल और किफ़ायती कीमत सुनिश्चित करना—MSME को टेक/कैपेक्स सपोर्ट और लॉजिस्टिक्स–इंफ्रा की ज़रूरत बनी रहेगी ।
  • ग्लोबल क्वालिटी–स्टैंडर्ड—ब्रांड्स को पैकेजिंग/डिज़ाइन/अंतरराष्ट्रीय–अनुपालन में निरंतर निवेश करना होगा, ताकि ‘Buy Indian’ घरेलू के साथ–साथ निर्यात–वृद्धि भी दिला सके ।

टाइमलाइन: अपीलें और प्रमुख घटनाएँ (अगस्त 2025)

2 अगस्त

वाराणसी/PM–Kisan मंच से ‘Made in India’ खरीदने की सीधी अपील; मंत्रालयों/PIB चैनलों ने संदेश को amplify किया ।

14–15 अगस्त

स्वतंत्रता दिवस संबोधन—‘Atmanirbhar Bharat’ को विकसित भारत की बुनियाद के रूप में रेखांकित किया ।

16 अगस्त

दिल्ली कार्यक्रम—“If you are Indian, buy what is made in India” और ‘Vocal for Local’ पर विशेष ज़ोर, खादी–मोबाइल–UPI उदाहरण दिए ।

23 अगस्त

PIB रिलीज़—व्यापारियों से ‘Only Swadeshi Products Sold Here’ बोर्ड लगाने का आग्रह—खुदरा–स्तर पर व्यवहार परिवर्तन पर फोकस ।

26–27 अगस्त

अमेरिकी टैरिफ 50% तक प्रभावी होने की रिपोर्टिंग के साथ ‘Buy Indian’ अपील को वैश्विक मीडिया ने संदर्भित किया ।

  • 2 अगस्त: वाराणसी/PM–Kisan मंच से ‘Made in India’ खरीदने की सीधी अपील; मंत्रालयों/PIB चैनलों ने संदेश को amplify किया ।
  • 14–15 अगस्त: स्वतंत्रता दिवस संबोधन—‘Atmanirbhar Bharat’ को विकसित भारत की बुनियाद के रूप में रेखांकित किया ।
  • 16 अगस्त: दिल्ली कार्यक्रम—“If you are Indian, buy what is made in India” और ‘Vocal for Local’ पर विशेष ज़ोर, खादी–मोबाइल–UPI उदाहरण दिए ।
  • 23 अगस्त: PIB रिलीज़—व्यापारियों से ‘Only Swadeshi Products Sold Here’ बोर्ड लगाने का आग्रह—खुदरा–स्तर पर व्यवहार परिवर्तन पर फोकस ।
  • 26–27 अगस्त: अमेरिकी टैरिफ 50% तक प्रभावी होने की रिपोर्टिंग के साथ ‘Buy Indian’ अपील को वैश्विक मीडिया ने संदर्भित किया ।

FAQ

प्रश्न: क्या पीएम ने दुकानदारों से ‘Only Swadeshi’ बोर्ड लगाने को कहा?


उत्तर: हाँ, हालिया संबोधनों में यह आग्रह दर्ज है ताकि स्वदेशी–प्राथमिकता को रिटेल–स्तर पर संस्थागत रूप मिले ।

प्रश्न: यह अपील किस आर्थिक संदर्भ में आई?


उत्तर: अमेरिकी टैरिफ बढ़ोतरी से अनिश्चितता के बीच घरेलू मांग/उत्पादन को सहारा देने और आत्मनिर्भर इकोसिस्टम मजबूत करने के उद्देश्य से ।

प्रश्न: क्या ‘Vocal for Local’ नया है?


उत्तर: अवधारणा पहले से है, पर हालिया भाषणों में इसे फिर से जीवन–मंत्र के रूप में रेखांकित किया गया, और उदाहरणों के साथ जन–आंदोलन का रूप देने की बात हुई ।

प्रश्न: उपभोक्ता और दुकानदार व्यावहारिक रूप से क्या करें?


उत्तर: खरीद/स्टॉक–सेलेक्शन में भारतीय उत्पाद प्राथमिकता दें, ‘Only Swadeshi’ बोर्ड/शेल्फ़–विज़िबिलिटी बढ़ाएँ, और ग्राहकों को इसके आर्थिक लाभ समझाएँ ।

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