
AI‑171 की आखिरी 60 सेकंड: जब आसमान से आई मौत
12 जून 2025 को दोपहर 1:38 बजे, Air India की फ्लाइट AI‑171 अहमदाबाद से लंदन के लिए रवाना हुई। सभी यात्रियों की आंखों में उम्मीदें थीं और दिलों में मंज़िल तक पहुँचने का विश्वास। लेकिन किसी को अंदाज़ा नहीं था कि टेकऑफ के महज एक मिनट के भीतर ही फ्लाइट मौत के मुंह में चली जाएगी।
AI‑171 की आखिरी 60 सेकंड ने 241 लोगों की ज़िंदगी छीन ली और सिर्फ एक को ज़िंदा छोड़ा — वो भी ICU में। यह हादसा न सिर्फ टेक्निकल दृष्टिकोण से गंभीर था, बल्कि इंसानी लापरवाही और एविएशन सिस्टम पर बड़ा सवाल भी उठा गया।
टेकऑफ के तुरंत बाद ‘Mayday’ कॉल
AI‑171 जैसे ही टेकऑफ करती है, पायलट्स कंट्रोल टावर से संपर्क करते हैं। महज 30 सेकंड के भीतर ही “Mayday” कॉल दी जाती है — ये इमरजेंसी अलर्ट बताता है कि फ्लाइट गंभीर संकट में है।
रिकॉर्ड की गई कॉल में कहा गया:
“Thrust not achieved… falling… mayday… uncontrolled descent…”
इस कॉल ने न सिर्फ कंट्रोल टावर, बल्कि पूरे एयर ट्रैफिक सिस्टम को हिला दिया।
क्या दोनों इंजन फेल हुए थे?
AI‑171 की आखिरी 60 सेकंड में RAM-Air-Turbine (RAT) अपने आप एक्टिवेट हो जाता है, जिसका मतलब होता है कि इंजन या पावर सप्लाई पूरी तरह फेल हो गई थी।
इंजन एक्सपर्ट्स का कहना है कि शायद टेकऑफ के दौरान thrust देने वाली प्रणाली में अचानक गड़बड़ी हुई। इसमें दो संभावनाएं थीं:
- Double Engine Failure
- Throttle Response Error
फ्लैप्स और गियर का असंतुलन
क्रैश वीडियो की एनालिसिस में एक और चौंकाने वाली बात सामने आई —
टेकऑफ के दौरान:
- लैंडिंग गियर नीचे था
- और फ्लैप्स ऊपर थे
टेकऑफ के समय फ्लैप्स नीचे होने चाहिए ताकि विमान को अधिक lift मिले, लेकिन फ्लैप्स ऊपर होने के कारण drag बढ़ गया और lift बहुत कम हो गई।
Altitude सिर्फ 625 फीट, फिर गिरावट
AI‑171 की आखिरी 60 सेकंड में विमान सिर्फ 625 फीट तक ही ऊपर जा सका और तुरंत uncontrolled descent में चला गया। विमान ने 30 सेकंड में ऊँचाई खो दी और हॉस्टल बिल्डिंग से टकरा गया।
Ground Radar और ADS-B डेटा के अनुसार:
- टेकऑफ के 22वें सेकंड में फ्लाइट ने पीक अल्टीट्यूड ली
- 26वें सेकंड से गिरना शुरू हुआ
- 54वें सेकंड में नियंत्रण पूरी तरह से समाप्त
इंजन में था क्या कोई पुराना दोष?
Air India के चेयरमैन ने दावा किया कि:
- दायाँ इंजन: मार्च 2025 में सर्विस हुआ था
- बायाँ इंजन: दिसंबर 2023 में चेक हुआ था
दोनो इंजनों की सर्विस हिस्ट्री साफ थी, लेकिन टेकऑफ से पहले pre-flight check में किसे दोषी ठहराया जाए — ये अब जांच का विषय है।
241 मौतें, सिर्फ 1 बचा
AI‑171 की सबसे दुखद बात ये थी कि इसमें सवार सभी 242 यात्रियों में से 241 की मौत हो गई।
केवल एक व्यक्ति बचा:
विश्वास कुमार रमेश, उम्र 29 वर्ष, जो सीट 11A पर सवार थे। उन्हें गहरी चोटें आईं, लेकिन चमत्कारिक रूप से वे जिंदा बचे।
ब्लैक बॉक्स ने क्या बताया?
दोनों ब्लैक बॉक्स — FDR (Flight Data Recorder) और CVR (Cockpit Voice Recorder) को जांच के लिए अमेरिका भेजा गया है।
AAIB, NTSB, Boeing और DGCA मिलकर इसकी गहराई से जांच कर रहे हैं।
शुरुआती जांच रिपोर्ट से संकेत मिलते हैं कि इंजन ने response नहीं किया, और फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम ने पावर ट्रांसफर को बाधित किया।
जिम्मेदार कौन? तकनीक, मानव या दोनों?
अभी यह तय नहीं हो पाया है कि यह हादसा purely mechanical failure था या इंसानी लापरवाही का नतीजा। कुछ aviation safety experts का मानना है कि:
- अगर फ्लैप्स सही पोजिशन में होते,
- और throttle response की निगरानी बेहतर होती,
तो हादसे से बचा जा सकता था।
निष्कर्ष: AI‑171 एक चेतावनी बनकर आया
AI‑171 की आखिरी 60 सेकंड ने भारत के एविएशन सिस्टम को झकझोर दिया है। इस हादसे से यह साफ है कि टेक्नोलॉजी पर पूरी निर्भरता के बावजूद मानवीय सतर्कता की जरूरत हमेशा रहेगी। आने वाले हफ्तों में जब फाइनल रिपोर्ट आएगी, तब शायद असली जिम्मेदारों के नाम सामने आएं।