ICC ने पाकिस्तान की मांग खारिज की
एशिया कप में “नो-हैंडशेक” विवाद के बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने मैच रेफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट को हटाने की मांग उठाई थी, जिसे ICC ने अस्वीकार कर दिया। ICC का रुख रहा कि ऐसी मांग मानना गलत परंपरा स्थापित कर सकता है, इसलिए टूर्नामेंट के बीच किसी रेफरी को हटाने से इंकार किया गया। PCB की आपत्ति के बावजूद, ऑफिशियल पैनल यथावत रखने का संदेश दिया गया।
विवाद की पृष्ठभूमि
भारत-पाकिस्तान मैच के दौरान टॉस और मैच के बाद खिलाड़ियों के बीच हैंडशेक नहीं हुआ, जिसके बाद PCB ने “स्पिरिट ऑफ क्रिकेट” और आचार संहिता के उल्लंघन का हवाला देते हुए कड़ा ऐतराज दर्ज कराया। PCB का आरोप रहा कि मैच रेफरी के निर्देशों से स्थिति बनी; वहीं इस पर ICC का मत था कि हैंडशेक परंपरा है, बाध्यकारी नियम नहीं। इस खींचतान के बीच प्रेस ब्रीफिंग्स और आगे के मैचों को लेकर भी तनाव बढ़ा।
मध्यस्थ समाधान की कोशिशें

रिपोर्ट्स के मुताबिक, तत्काल हटाने को मंज़ूरी नहीं मिली, लेकिन एक “मिडल-ग्राउंड” तलाशने की चर्चा चली—जैसे अगला पाकिस्तान मैच किसी अन्य वरिष्ठ मैच रेफरी से ऑफिशिएट कराया जाए। इसका उद्देश्य टूर्नामेंट संचालन में शांति बनाए रखना और टीम की आपत्तियों को आंशिक रूप से एड्रेस करना बताया गया।
टूर्नामेंट प्रशासन पर असर
मैच रेफरी पैनल में बदलाव की मांग स्वीकार न करना ICC की संस्थागत स्वतंत्रता और मानक प्रक्रिया पर भरोसे का संकेत है। साथ ही, किसी एक टीम की आपत्तियों के आधार पर त्वरित पर्सनल-चेंज को हरी झंडी न देकर भविष्य के लिए भी स्पष्ट मिसाल रखी गई कि संचालन-संबंधी फैसले दबाव में नहीं होंगे।
आगे क्या
पाकिस्तान के अगले मुकाबलों में ऑफिशियल्स की ड्यूटी-चार्टिंग पर नजर रहेगी और “स्पिरिट ऑफ क्रिकेट” से जुड़े सभी बिंदुओं की पुनर्पुष्टि की जाएगी। अगर किसी भी स्तर पर आचार-संहिता उल्लंघन साबित होता है, तो समीक्षा/अनुशासनात्मक कार्रवाई की औपचारिक प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
Quick Review
- “लेखक‑विश्लेषण: ICC का फैसला प्रक्रियागत स्वतंत्रता की तरफ इशारा करता है—एक टीम की आपत्ति पर रेफरी हटाना ख़तरनाक मिसाल होती। व्यवहारिक समाधान के तौर पर अगली ड्यूटीज़ में लचीलेपन की गुंजाइश रखी जा सकती है।”
- “मुख्य तथ्य: PCB की मैच रेफरी हटाने की मांग ICC ने ठुकराई—पैनल यथावत।”
- “क्यों: टूर्नामेंट संचालन में निष्पक्षता और मिसाल का सवाल—दबाव में बदलाव से बचाव।”
- “कैसे: औपचारिक जवाब में हटाने से इंकार, विकल्प के तौर पर ड्यूटी शेड्यूल पर संवाद।”
- “किस पर असर: पाकिस्तान के आगामी मैच, ऑफिशियल पैनल शेड्यूलिंग, टूर्नामेंट प्रशासन की विश्वसनीयता।”
- “अगला कदम: मैच-दर-मैच समीक्षा; आचार-संहिता पर कोई प्रमाण मिला तो औपचारिक कार्रवाई।”
Timeline
- 2025‑09‑14: भारत‑पाक मैच के बाद “नो‑हैंडशेक” विवाद उभरा।
- 2025‑09‑15: PCB ने ICC को रेफरी हटाने की औपचारिक मांग भेजी।
- 2025‑09‑16: रिपोर्ट्स—ICC ने रेफरी हटाने की मांग खारिज की; वैकल्पिक ड्यूटी शेड्यूलिंग पर चर्चा।
- 2025‑09‑17: अगले मैच से पहले प्रेस ब्रीफिंग/प्रशासनिक संवाद; शांति‑पूर्ण संचालन पर जोर।
FAQ
प्रश्न: क्या हैंडशेक नियम है?
उत्तर: यह परंपरा/स्पिरिट का हिस्सा है, बाध्यकारी नियम नहीं—परिस्थिति के अनुसार भिन्नता संभव।
प्रश्न: ICC ने मांग क्यों ठुकराई?
उत्तर: एक टीम के दबाव में टूर्नामेंट के बीच रेफरी हटाना गलत मिसाल बनता; पैनल की निष्पक्षता और प्रक्रिया को प्राथमिकता मिली।
प्रश्न: क्या आगे रेफरी बदल सकते हैं?
उत्तर: औपचारिक हटाने के बिना भी ड्यूटी शेड्यूल में बदलाव/“रेस्ट” जैसा विकल्प प्रशासनिक तौर पर संभव रहता है।
प्रश्न: PCB का आरोप क्या था?
उत्तर: “स्पिरिट ऑफ क्रिकेट” और आचार-संहिता के उल्लंघन के आरोप; ICC ने तत्काल हटाने से इनकार किया।
प्रश्न: टूर्नामेंट पर क्या असर?
उत्तर: प्रशासनिक स्थिरता बनी रहती है; किसी प्रमाण पर भविष्य में समीक्षा/कार्रवाई संभव।
Official External Links
- ICC (घोषणाएँ/नियम): https://www.icc-cricket.com/
- एशिया कप/ACC (टूर्नामेंट अपडेट): https://asiancricket.org/
- MCC Laws (Spirit of Cricket): https://www.lords.org/mcc/the-laws-of-cricket
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