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UPI ने जुलाई 2025 में 1,947 करोड़ ट्रांज़ैक्शन्स के साथ ₹25.1 लाख करोड़ वैल्यू का रिकॉर्ड बनाया।

UPI ने जुलाई 2025 में नया कीर्तिमान बनाया—कुल 1,947 करोड़ ट्रांज़ैक्शन्स के साथ लगभग ₹25.1 लाख करोड़ वैल्यू दर्ज की गई, जो भारत के डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम की तेजी और भरोसे का स्पष्ट संकेत है। यह उछाल महीने-दर-महीना और साल-दर-साल—दोनों आधारों पर मजबूत ग्रोथ दिखाता है, जिसमें रोजाना औसतन 60–65 करोड़ पेमेंट्स का स्तर एक “नया सामान्य” बनता दिख रहा है।

क्या है रिकॉर्ड का अर्थ

  • 1,947 करोड़ यानी लगभग 19.47 बिलियन ट्रांज़ैक्शन्स—UPI के लिए यह अब तक का सबसे ऊंचा मासिक वॉल्यूम है।
  • वैल्यू करीब ₹25.1 लाख करोड़—रोजमर्रा के छोटे भुगतानों से लेकर बड़े व्यापारिक लेनदेन तक, हर आकार का ट्रैफिक तेज़ी से डिजिटल हो रहा है।
  • औसतन प्रति दिन 62–63 करोड़ ट्रांज़ैक्शन्स—यानी हर सेकंड हज़ारों पेमेंट्स बिना रुकावट के प्रोसेस हो रहे हैं।

रिकॉर्ड के पीछे के बड़े कारण

  • P2M (ग्राहक-से-व्यापारी) का विस्फोटक विस्तार: किराना, फार्मेसी, पेट्रोल पंप, रेस्टोरेंट, ई-कॉमर्स—हर जगह UPI स्वीकार्यता सर्वव्यापी हो गई है।
  • नई सुविधाएँ: UPI Lite (स्मॉल-टिकट), Tap & Pay, AutoPay (Recurring), RuPay क्रेडिट ऑन UPI और “क्रेडिट लाइन ऑन UPI” जैसी इनोवेशंस ने उपयोग और भी सरल किया।
  • टियर-2/3 शहरों में गहराई: सस्ते डेटा, सुलभ स्मार्टफोन और QR इन्फ्रास्ट्रक्चर ने छोटे शहरों व कस्बों में अपनाने की गति बढ़ाई।
  • सरकारी-नीति व नेटवर्क इन्फ्रा: निर्बाध इंटरऑपरेबिलिटी, TPAPs की अनुपालन-प्रक्रिया और NPCI की स्केलेबिलिटी से “कभी भी—कहीं भी—किसी को” पेमेंट का भरोसा बना।
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कैसे बदल रहा है व्यवहार

  • “कैश-लाइट” दिनचर्या: ऑटो, बस, सब्ज़ी, पार्किंग, कैंटीन—छोटे भुगतान अब डिफ़ॉल्ट रूप से UPI पर शिफ्ट हो रहे हैं।
  • माइक्रो व मिड-टिकट कॉमर्स: फूड डिलिवरी, प्रीपेड बिल, फ्यूल, लोकल शॉपिंग—सबमें UPI की हिस्सेदारी लगातार बढ़ रही है।
  • बिलिंग और सब्सक्रिप्शन: AutoPay से OTT, डेटा पैक, लोन EMI, इंश्योरेंस प्रीमियम जैसी मासिक देनदारियाँ भी क्लिक-में पूरी।
  • कलेक्ट और रिक्वेस्ट फ्लो: छोटे कारोबार में पेमेंट रिक्वेस्ट/कलेक्ट लिंक से कस्टमर रिकवरी तेज़ और रिकॉर्ड साफ़।

अर्थव्यवस्था पर असर

  • MSME/रिटेल को बूस्ट: कैश-हैंडलिंग का खर्च घटा, भुगतान तुरंत अकाउंट में, कैश-फ्लो सुधरा और औपचारिक वित्त तक पहुँचना आसान।
  • फाइनेंशियल इन्क्लूज़न: छोटे टिकट डिजिटल पेमेंट से बैंकिंग-हैबिट मजबूत—बचत, क्रेडिट और इंश्योरेंस जैसे उत्पादों की पहुंच गहराती है।
  • डेटा-ड्रिवन क्रेडिट: डिजिटल फूटप्रिंट के आधार पर नए-उम्र/नए-व्यवसाय को भी क्रेडिट योग्यता सिद्ध करने का अवसर।
  • उत्पादकता में उछाल: कलेक्शन/रिकंसिलेशन का समय घटा, ऑटो-रिकॉन्साइलिंग से अकाउंटिंग आसान और टैक्स-कॉम्प्लायंस पारदर्शी।

सुरक्षा, नियम और टिकाऊपन

  • मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन, जोखिम-आधारित सीमाएँ और इन-ऐप फ़िशिंग/फ्रॉड अलर्ट—उपभोक्ता सुरक्षा का आधार हैं।
  • यूज़र की जिम्मेदारी: UPI PIN किसी से साझा न करें, “कलेक्ट” रिक्वेस्ट ध्यान से देखें, संदिग्ध लिंक से बचें, और बैंक/ऐप की आधिकारिक सपोर्ट-चैनल ही अपनाएँ।
  • इकोसिस्टम टिकाऊपन: जीरो/लो MDR, बड़े मर्चेंट ट्रैफिक, और T+ सेटलमेंट टाइम—इन सभी पर निरंतर संवाद से नवाचार और निवेश का संतुलन कायम रखा जा रहा है।

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क्रॉस-बॉर्डर और भविष्य की दिशा

  • UPI की विदेशी स्वीकृति—UAE, सिंगापुर (PayNow लिंक), नेपाल, भूटान जैसे कॉरिडॉर—यात्रियों और प्रवासियों के लिए सरल पेमेंट अनुभव बना रहे हैं।
  • 20 बिलियन+ मंथली का फेज़: जुलाई के रिकॉर्ड के बाद, मासिक वॉल्यूम 20 बिलियन से आगे टिके रहने की राह खुलती दिख रही है।
  • 1 बिलियन डेली लक्ष्य: नेटवर्क स्केल-अप, फीचर इनोवेशन और वैश्विक कनेक्टिविटी के साथ “1 बिलियन डेली” जैसे महत्वाकांक्षी लक्ष्यों की तरफ इकोसिस्टम अग्रसर है।

Quick Analysis

UPI अब “इन्फ्रा” बन चुका है—जैसे सड़कें-रेल—वैसे ही डिजिटल लेनदेन के लिए UPI। 1,947 करोड़ ट्रांज़ैक्शन्स और ₹25.1 लाख करोड़ वैल्यू बताती है कि पेमेंट अब किसी एक ऐप/बैंक का नहीं, बल्कि पूरे नेटवर्क-इफेक्ट का खेल है। आगे की चुनौती—स्केल के साथ सुरक्षा, फ्रॉड-मैनेजमेंट, और पेमेंट कंपनियों का टिकाऊ बिजनेस-मॉडल—इन तीनों का संतुलन बनाना होगा।

टाइमलाइन: UPI की यात्रा

2016

UPI लॉन्च—रियल-टाइम बैंक-टू-बैंक पेमेंट की शुरुआत।

2019

मासिक 1 बिलियन ट्रांज़ैक्शन्स पार—P2M स्वीकार्यता तेज़ी से बढ़ी।

2022

~46 बिलियन वार्षिक ट्रांज़ैक्शन्स—स्मार्टफोन और QR का सर्वव्यापी फैलाव।

2023

~84 बिलियन वार्षिक—फूड/किराना/ट्रैवल जैसे रोजमर्रा के सेगमेंट्स डिजिटल हुए।

2024

~131 बिलियन वार्षिक—AutoPay, क्रेडिट ऑन UPI जैसी सुविधाओं का असर।

2025

~186 बिलियन वार्षिक—जुलाई 2025 में 1,947 करोड़ मासिक ट्रांज़ैक्शन्स का रिकॉर्ड और ~₹25.1 लाख करोड़ वैल्यू के करीब नई ऊँचाई।

  • 2016: UPI लॉन्च—रियल-टाइम बैंक-टू-बैंक पेमेंट की शुरुआत।
  • 2019: मासिक 1 बिलियन ट्रांज़ैक्शन्स पार—P2M स्वीकार्यता तेज़ी से बढ़ी।
  • FY2022: ~46 बिलियन वार्षिक ट्रांज़ैक्शन्स—स्मार्टफोन और QR का सर्वव्यापी फैलाव।
  • FY2023: ~84 बिलियन वार्षिक—फूड/किराना/ट्रैवल जैसे रोजमर्रा के सेगमेंट्स डिजिटल हुए।
  • FY2024: ~131 बिलियन वार्षिक—AutoPay, क्रेडिट ऑन UPI जैसी सुविधाओं का असर।
  • FY2025: ~186 बिलियन वार्षिक—जुलाई 2025 में 1,947 करोड़ मासिक ट्रांज़ैक्शन्स का रिकॉर्ड और ~₹25.1 लाख करोड़ वैल्यू के करीब नई ऊँचाई।

FAQ Section

प्रश्न: क्या UPI पर चार्ज लगता है?


उत्तर: P2P और ज़्यादातर रोजमर्रा के P2M लेनदेन पर उपभोक्ता से शुल्क नहीं लिया जाता; बड़े/विशेष उपयोग मामलों में नियम अलग हो सकते हैं—अपने बैंक/ऐप की शर्तें देखें।

प्रश्न: रोजाना/एकल ट्रांज़ैक्शन लिमिट क्या है?


उत्तर: UPI की जनरल लिमिट आमतौर पर ₹1 लाख/दिन (एप्रॉक्स) है, पर बैंक/मर्चेंट कैटेगरी/फ्रॉड-रिस्क के अनुसार बदले; ऐप/बैंक की सीमा देखें।

प्रश्न: भुगतान फेल हो जाए तो?


उत्तर: आम तौर पर T+2 वर्किंग डेज़ में ऑटो-रिवर्सल; संदिग्ध मामलों में ऐप/बैंक सपोर्ट/डिस्प्यूट रेज़ॉल्यूशन पोर्टल से टिकट दर्ज करें।

प्रश्न: UPI Lite और Tap & Pay का फायदा?


उत्तर: छोटे टिकट पेमेंट तेज़, ऑफ़लाइन मोड सहायता (जहाँ उपलब्ध), और चेकआउट घर्षण कम—लाइन मूवमेंट तेज़।

प्रश्न: क्रेडिट ऑन UPI कैसे काम करता है?


उत्तर: RuPay क्रेडिट कार्ड/क्रेडिट-लाइन लिंक कर UPI से पे—भुगतान आसान, और कार्ड/लाइन के लाभ बरकरार; बैंक/इशूअर शर्तें लागू।

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